लेखनी प्रतियोगिता -10-Jun-2022 राजस्थानी लोकगीत
रचयिता-प्रियंका भूतड़ा
शीर्षक-पिया नी बाट जोयू छू(वियोग राजस्थानी लोकगीत)
बांट थारी जोयू छू
वियोग नहीं सहयो जाय
म्हारा भरतार जी.......
जीवडो नाहीं लागे, तनड़ो नाही लागे..... म्हारा भरतार
कदे तू आवेगा म्हारा पिया जी
नयन बनो छै अश्रु नो बहाव
मनड़ा म दुखड़ो नो दुखाव
अखियां म बहवे नीर
मनड़ो नी बढ़ती जाए पीर
कदे तू आवेगा म्हारा प्रीत
बांट थारी जोयू छू
वियोग नाहीं सहयो जाय
जोयी -जोयी न थाकी आंख
आंखया नीचे पड़ गया काल्या......
मनड़ो थारो बावरो
कडे आवेगो बंजारों
बाट थारी जोयू छू
वियोग नाही सहयो जाय..... महारा भरतार
सखियां संग बतियावा
मनड़ो म्हारो बहलावा
हिवडे न तो थारी लागणी
इटले कतई मनड़ो ना लागे
कडे तू आवेगो भरतार
म्हारा पिया जी.....
बांट थारी जोयू छू
वियोग नाहीं सहयो जाए....... महारा भरतार
पिया जी थमे कडे अवोगा
मनड़ा नो वेग बढतो जाए
हिवड़ा नो हित बढतो जाए
अब नाहीं सहयो जाए वियोग
वेला वेला आओ पिया जी
जोयू छू थारी बाट
बाट में खड़ी थारी प्रियंका
थमें आवो म्हारा भरतार
बाट थारी जोयू छू
वियोग नाहीं सहयो जाए...... म्हारा भरतार
Seema Priyadarshini sahay
11-Jun-2022 05:11 PM
वाह बेहतरीन रचना
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Dr. Arpita Agrawal
11-Jun-2022 02:00 PM
बहुत सुंदर राजस्थानी गीत 👌👌👌
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Abhinav ji
11-Jun-2022 09:28 AM
Very nice👍
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